अगर मै आपसे कहुं के आजके दौर में रमज़ान के पुरसुकून महीने में बिना किसी जंग के तोप चल रहे हैं, तो शायद आप हैरत में पड़ जाएं। लेकिन ये सच है। दुनिया के कई हिस्सों में हर रोज़…
Md Umar Ashraf
Md. Umar Ashraf is a Delhi based historian, who after pursuing a B.Tech (Civil Engineering) started heritagetimes.in to explore, and bring to the world, the less known historical accounts. Mr. Ashraf has been associated with the museums at Red Fort & National Library as a researcher. With a keen interest in Bihar and Muslim politics, Mr. Ashraf has brought out legacies of people like Hakim Kabeeruddin (in whose honour the government recently issued a stamp). Presently, he is pursuing a Masters from AJK Mass Communication Research Centre, JMI & manages heritagetimes.in.
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0The Indian Subcontinent Red Crescent Society’s Aid to the Ottoman State during the Balkan war in 1912:
The war that was declared in 1912 against the Ottoman Empire by Serbia, Montenegro, Bulgaria, and Greece brought many disasters with it. The cholera outbreak that started during the war proliferated rapidly among the Bulgarian Turks who were fleeing to…
1857 की क्रांति के नायक बाबू कुंवर सिंह और उनके मुस्लिम साथियों की वीरगाथा
जब बिहार मे 1857 की क्रांति की बात होती है तो सिर्फ़ ‘बाबू कुंवर सिंह’ का नाम लिया जाता है.. उन्हे याद किया जाता है… ये सच है बिहार मे क्रांति की नुमाईंदगी कुंवर सिंह ने किया पर क्रांति की…
दंगो में अपना सब कुछ लुटा चुका एक मुसलमान जब 11 साल बाद पहुँचा अपने गाँव
जब कभी मेल या एक्सप्रेस ट्रेन से फ़तुहा स्टेशन आने वाला होता, जहां से उस समय मार्टिन कंपनी की छोटी लाइन इस्लामपुर की जानिब जाती थी, तब कलीम अपने सर और आंख पर कपड़ा लपेट कर अपने सीट पर लेट…
How India is connected to England’s first mosque
Islam in England has arrived very late. The biggest credit for taking Islam there goes to Indian Muslims. Officially, the first mosque in England was built in 1889; one in Liverpool and the other in Woking! Both of these are…
जब सोहैल अज़ीमाबादी के क़लम की ताक़त से बंद हुआ कलकत्ता का ‘हमदर्द’ अख़बार
द्वारका हाई स्कूल, मुज़फ़्फ़रपुर में सोहैल अज़ीमाबादी ने 9वीं में दख़ला करवाया गया, वहीं से 1930 में उन्होंने मैट्रिक का एग्ज़ाम दिया, पर मैथ में कमज़ोर होने की वजह कर फ़ेल हो गए. उस ज़माने में ये आम कहावत…
मौलवी ख़ुर्शीद हसनैन : वकालत से सियासत तक (जो चुप रहेगी ज़ुबान खंजर, लहू पुकारेगा आस्तीं का…)
मौलवी ख़ुर्शीद हसनैन उन चुनिंदा लोगों में हैं जिन्होने अपने परिवार के विरुद्ध जा कर अंग्रेज़ों की मुख़ालफ़त की, मौलवी ख़ुर्शीद हसनैन की पैदाइश सन 1878 में उस समय के गया ज़िला और मौजूदा जहानाबाद के पाली गाँव के एक…
इंग्लैंड की पहली मस्जिद का भारत से कनेक्शन
इंगलैंड में इस्लाम बहुत आख़िर मे पहुंचा है, वहां इस्लाम ले जाने में सबसे बड़ा हाथ हिन्दुस्तान के मुसलमानो का है। आधिकारिक तौर पर इंगलैंड में पहली मस्जिद 1889 में बनी; एक लीवरपूल में तो दूसरी वॉकिंग में! इन…
कुछ क़ैद में पड़े हैं, हम क़ब्र में पड़े हैं, दिन ख़ून का हमारे प्यारो न भूल जाना…
ये नज़्म “शहीदों के सन्देश” के नाम से एक नामालूम इंक़लाबी शायर ‘प्रेमी’ ने 1930 में लिखा था, जो दिल्ली के प्रकाशक पंडित बाबू राम शर्मा के ‘आज़ादी की देवी लक्षमी बाई’ में छपा था, जिसे अंगेज़ों ने बाग़ियाना माना…
ऐ पुलिस वालों सितम करना, सताना छोड़ दो…. भाइयों के हलक़ पर ख़ंजर चलाना छोड़ दो
साल 1919 में रॉलेट एक्ट के विरोध में पुरे भारत में आंदोलन शुरू हुआ, पुलिस के हाथों हज़ारो लोग शहीद हुवे; विभिन्न धार्मिक संस्थाअों ने अंग्रज़ों के साथ किसी भी तरह के सहयोग को हराम क़रार दे दिया. जिसमे हर…