14 अगस्त 1942 को पटना शहर पर पुरी तरह से ब्रिटिश और अमेरिकन फौजियों का कब्ज़ा हो गया. आंदोलन कर रहे विद्यार्थियों ने शहर खाली कर दिया था. स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी और उसके हॉस्टल फौजियों के अड्डे बन चुके…
Md Umar Ashraf
Md. Umar Ashraf is a Delhi based historian, who after pursuing a B.Tech (Civil Engineering) started heritagetimes.in to explore, and bring to the world, the less known historical accounts. Mr. Ashraf has been associated with the museums at Red Fort & National Library as a researcher. With a keen interest in Bihar and Muslim politics, Mr. Ashraf has brought out legacies of people like Hakim Kabeeruddin (in whose honour the government recently issued a stamp). Presently, he is pursuing a Masters from AJK Mass Communication Research Centre, JMI & manages heritagetimes.in.
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0भारत छोड़ो आंदोलन में सुभाष चंद्र बोस का योगदान
एक आम समझ ये रही है कि भारत छोड़ो आंदोलन कांग्रेस बल्कि महात्मा गाँधी का आंदोलन था और आज़ाद हिंद फ़ौज सुभाष चंद्र बोस का. असल में ऐसा सोचने का कारण वर्तमान परिस्थितियां हैं जहां कैसा भी देश या समाज…
‘करो या मरो’ : बगुनाहों का लहु है, रंग लाएगा….
मुस्लिम लीग द्वारा भारत छोड़ आंदोलन का विरोध किया गया था। अंग्रेज़ों को लगा के मुसलमान इस आंदोलन से अलग रहेंगे; पर गांधी जी के ‘करो या मरो’ के नारे के बाद देखते ही देखते पुरे भारत में क्रांति…
भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान पुलिस द्वारा महिलाओं के साथ किया गया बलात्कार
भारत छोड़ो आंदोलन में महिलाओं की भरपूर भागीदारी थी। उन्होंने आंदोलन में न सिर्फ़ हिस्सा लिया बल्कि पुरुषों की बराबरी करते हुए इसका नेतृत्व भी संभाला। 9 अगस्त, 1942 को अरुणा आसफ़ अली ने बम्बई के गोवालिया टैंक मैदान में…
जब भारत छोड़ो आंदोलन का मुस्लिम लीग, हिन्दू महासभा, आरएसएस और कम्युनिस्ट पार्टी ने किया विरोध…..
भारत छोड़ो आंदोलन के समय ये तैय हो गया था के देश का नेतृत्व गांधीजी और कांग्रेस ही करती है। 8 अग्स्त 1942 को कांग्रेस अधिवेशन में महात्मा गांधी के संबोधन और ‘करो या मरो’ प्रस्ताव के कुछ घंटे…
इस बार महज़ जेल नही होगी; बल्के गोली चलेगी, संपत्ति ज़्बत होगी; अब ये सब संभव है!
बंबई से बिहार के प्रतिनिधियों के पहुंचने से पहले ही 9 अगस्त 1942 की सुबह ही सदाक़त आश्रम में कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्यों की गिरफ़्तारी की ख़बर पहुंच चुकी थी। बिहार में उस समय लोगों को चिंता थी राजेंद्र प्रासाद…
भारत छोड़ो आंदोलन : जिसमें 1857 की क्रांति के बाद सबसे अधिक क्रांतिकारियों का ख़ून बहा…
1857 की क्रांति के बाद अगर भारत में आज़ादी की ख़ातिर किसी आंदोलन में सबसे अधिक क्रांतिकारियों का ख़ून बहा है, तो वो है 1942 का ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन जिसे आम तौर पर अगस्त की क्रांति के नाम से जाना…
भारत का सबसे पहला सरकारी यूनानी मेडिकल कॉलेज, क्या आप इसे जानते हैं?
पटना का तिब्बी कॉलेज भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे पहला सरकारी यूनानी मेडिकल कॉलेज है. 29 जुलाई 1926 को गवर्मेंट तिब्बी कॉलेज एंड हॉस्पिटल की स्थापना हुई थी. पिछले नौ दशक से अपनी सेवा दे रहा ये कॉलेज 1934 से क़दमकुआं,…
कॉमरेड अबुल ओला : भारत का एक गुमनाम स्वतंत्रता सेनानी
कॉमरेड अबुल ओला ने जिस समय दुनिया में आँख खोला रूस में क्रांति आ चुकी थी, भारत में एक सफ़ल किसान आंदोलन चम्पारण में हो चुका था, रॉलेट एक्ट के विरुद्ध जनता में आग सुलग रहा था, ख़िलाफ़त आंदोलन अपने…
Why do we really hear a cannon at the time of iftar?
What comes to your mind upon hearing the word “canon”? I’m sure many of you will associate it with bloodshed, disputes etc. But, did you know that every year in the Holy month of Ramadan the canons are fired without…