बेगम हज़रत महल के जासूस जिम्मी ग्रीन उर्फ़ मोहम्मद अली ख़ान की दास्तान
आप अजनबी हैं, नही तो ऐसा सवाल नही करते, ये सब झूठी कहानियाँ हैं, ये कहानियाँ भड़काने के लिए फैलाई जाती हैं, नफ़रत तो पहले से भी कम नही, ये बात बिलकुल सही है कि अंग्रेज़ बच्चों और औरतों का ख़ून बहाया गया है लेकिन किसी की आबरु पर हमला नही किया गया, ये हमारी तहज़ीब और रस्म व रिवाज के ख़िलाफ़ है, हिंदुस्तान से लेकर लंदन तक की अख़बारों में जो ये ख़बरें हैं; ये सब बे बुनियाद हैं!