अंग्रेज़ पुलिस पूछताछ के नाम पर भारतीय महिलाओं पर करती थी ‘निर्भया’ जैसा अत्याचार


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Md Umar Ashraf

सभी को याद होगा कि 16 दिसंबर, 2012 को जब दिल्ली में निर्भया का बलात्कार कर उसके गुप्तांग में लोहे की सलाख़ डाल निर्मम हत्या कर दी गयी तो पूरा भारत क्रोध से भर गया था। हर किसी की ज़ुबान पर था कि इन वहशी दरिंदे बलात्कारियों को कड़ी से कड़ी सज़ा दी जाये। इस निर्मम सामूहिक बलात्कार की कल्पना ही दिल दहला देने वाली थी। पर हम में से बहुत कम लोग ये जानते हैं कि जहां आज ऐसा अपराध कुछ दरिंदे करते हैं और सज़ा पाते हैं, वहीं 1947 से पहले अंग्रेज़ हुकूमत के समय पुलिस ख़ुद ही ये अमानवीय सलूक हिंदुस्तानी औरतों के साथ करती थी। इन अपराधों के लिए उनको सज़ा मिलना तो दूर उल्टा उनको सरकारी शाबाशी प्राप्त होती थी।

पुलिस रिपोर्ट के अनुसार जो बयान गुलाब बानो ने दिया था उसको बाद में हिंदुस्तान ग़दर पार्टी ने प्रकाशित किया था।

(साभार : South Asian American Digital Archive)

1908 में गुलाब बानो का मुक़दमा पंजाब के उच्च न्यायालय के समक्ष आया। उसने अदालत को बताया कि, “मुझे पुलिस अधीक्षक और दो सिपाहियों ने छत से उल्टा लटका दिया और पैर एक दूसरे से फैला कर बांध दिए गए। फिर उन्होंने एक डंडे पर ढेर सारी हरी मिर्च लेप कर मेरे गुदाद्वार (anal opening) में डाल दी।” सरकारी डॉक्टर ने भी माना कि गुलाब बानो को आयी चोटें उनके साथ की गयी दरिंदगी की पुष्टि करती हैं। अंत में गुलाब बानो का इन चोटों के कारण कुछ दिन बाद देहांत हो गया और सभी पुलिस वालों ने अपनी इस दरिंदगी के लिए पदोन्नति पायी।


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Md Umar Ashraf

Md. Umar Ashraf is a Delhi based Researcher, who after pursuing a B.Tech (Civil Engineering) started heritagetimes.in to explore, and bring to the world, the less known historical accounts. Mr. Ashraf has been associated with the museums at Red Fort & National Library as a researcher. With a keen interest in Bihar and Muslim politics, Mr. Ashraf has brought out legacies of people like Hakim Kabeeruddin (in whose honour the government recently issued a stamp). Presently, he is pursuing a Masters from AJK Mass Communication Research Centre, JMI & manages heritagetimes.in.